श्रीनगरः तब्लीगी जमात से कश्मीर लौटे लोगों की तलाश करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में 18 मार्च को हुए तब्लीगी जमात के जलसे में शामिल होकर लौटे लोगों की तलाश करना जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। प्रशासन इन संदिग्ध लोगों की तलाश में जुटा हुआ है।
 

दिल्ली से आई सूची में जम्मू-कश्मीर के 827 से लोगों के नाम शामिल हैं जो मरकज में हुए इस जलसे में मौजूद थे। उधर सूत्रों के अनुसार करीब 1400 लोगों की निशानदेही की जा चुकी है जो सीधे तौर पर या फिर किसी अन्य तरीके से जलसे में शामिल लोगों के संपर्क में आए थे।

जानकारी अनुसार इनमें से 800 को क्वारंटीन भी किया चुका है, अन्य की तलाश की जा रही है। एक अधिकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के करीब 65 लोग ऐसे हैं जिन्हें दिल्ली में ही क्वारंटीन किया गया है। जबकि कई लोग हैं जो वापस यहां पहुंच चुके हैं। ये लोग कश्मीर के बांदीपोरा, पुलवामा, शोपियां, कुपवाड़ा, बारामुला और श्रीनगर जिलों के रहने वाले हैं।


घाटी में मरने वाला पहला बुजुर्ग भी जलसे से लौटा था



कुपवाड़ा के उपायुक्त अंशुल गर्ग ने बताया कि जो भी सूची दिल्ली से जारी की जा रही है वह हमसे भी सांझा की जा रही है। जिले में 24 घंटे कंट्रोल रूम काम कर रहा है और करीब 128 सर्विलांस टीमें हैं जो फील्ड में कांट्रेक्ट ट्रेसिंग का काम कर रही हैं। गर्ग ने बताया कि अभी कई लोग प्रदेश से बाहर ही हैं। जबकि कई लोग वापस आ गए जिनमें से कुछ श्रीनगर में जबकि कुछ को यहां कुपवाड़ा में क्वारंटीन करके रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सूची में कई नाम गलत भी दर्ज हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि चिंता की बात यह है कि घाटी में जो पहली मौत हुई थी वह 65 वर्षीय बुजुर्ग भी तब्लीगी जमात के जलसे से लौटा था और पॉजिटिव पाए जाने से पहले वह करीब चार दिन बिना रोक टोक घूमता रहा। अब यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि कितने लोग उसके संपर्क में आए थे। इतना ही नहीं अभी तक जम्मू-कश्मीर में सामने आए पॉजिटिव मामलों में से करीब 11 से अधिक ऐसे हैं जो इस मृत बुजुर्ग के संपर्क में आए थे।

कांटेक्ट ट्रेसिंग ही एकमात्र उपाय
सरकार के प्रवक्ता रोहित कांसल ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सकारात्मक रूप से कांटेक्ट ट्रेसिंग ही एक मात्र उपाय है। सोमवार को जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां और राजोरी में पॉजिटिव मामलों या अभी तक लापता वाले मामलों के आसपास के कई क्षेत्रों को सील किया गया है। इससे कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।